अगर आप एक पूर्वस्कूली में अपने बच्चे को दाखिल करने की योजना बना रहे हैं तो आपको बच्चे की प्रीस्कूल में शामिल होने की सही उम्र पता करनी है. यहाँ हम आपको बच्चे की सही उम्र के बारे में एक विचार प्राप्त करने में मदद करने वाले कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों पर चर्चा करने जा रहे हैं जब वह पूर्व स्कूल में शामिल हो सकता है . अपने बच्चे के लिए सही उम्र का निर्णय लेना माता पिता के लिए एक आसान काम नहीं है. माता पिता को एक कम उम्र में पूर्व स्कूल में अपने बच्चों के दाखिला के लिए अलग अलग कारण है. अगर माता पिता कामकाजी हैं और वे अपने बच्चे को सही हाथो में विकसित होता देखना चाहते है , जहां पर उनका पूर्ण विकास हो.
अधिकांश माता - पिता दो या ढाई साल की उम्र में पूर्व स्कूली में अपने बच्चे को दाखिला दिलाते हैं. लेकिन जरूरी नहीं है कि आपका बच्चा इस स्तर पूरी तरह से मानसिक रूप से पर तैयार है . माता पिता बच्चे को सामाजिक वातावरण के साथ उन्हें परिचित करना चाहते हैं इसलिए वे एक कम उम्र में एक प्रतिष्ठित पूर्वस्कूली में अपने बच्चे को भर्ती करना चाहते हैं . सही उम्र का निर्धारण करने के लिए, यहपूर्व स्कूल के बाहर अपने अनुभव का विश्लेषण करना आवश्यक है.
बहुत सारे तथ्यों.की मदद से स्कूल में भी घर जैसा वातावरण बन सकता है. अपने घर में कथाओँ की किताबें और सुपर नायको की पुस्तके ले आओ. सभी पुस्तकें अपने बच्चे के लिए जानकारीपूर्ण और प्रेरणादायक होनी चाहिए. आप भी अपने बच्चे के लिए शैक्षिक खिलौना खरीद सकते है. इसके अलावा अपने घर पर दोस्तों और रिश्तेदारों को आमंत्रित करके अपने घर पर सामाजिक वातावरण बना सकते हैं. और इसके अलावा बी अपने घर पर दोस्तों और रिश्तेदारों को आमंत्रित करके सामाजिक वातावरण बना सकते हैं.
अगर अपने बच्चे को स्वस्थ वातावरण में बढ़ते हुए देखना चाहते है,तो आप अपने बच्चे को कम उम्र में प्रीस्कूल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है. लेकिन माता - पिता को बच्चों को पर्याप्त समय देना चाहते है.तो अपने बच्चे के साथ खेल गतिविधियों में भाग ले फिर बच्चे को पढ़ाई का बोझ महसूस नहीं होता. उसके लिए मजाक के रूप में सीखना बनाओ. यह आमतौर पर देखा गया है के कुछ बच्चों छोटे बच्चों के साथ बातचीत करना पसंद करते है. दूसरी ओर, कुछ बच्चों वयस्क बच्चों के साथ बातचीत करनी पसंद करते
पूर्वस्कूली में अपने बच्चे को दाखिला से पहले, आपको यह जानना आवश्यक है कि वह खुद की देखभाल करने में सक्षम है बच्चे को ठीक से पॉटी करनी और खुद को ले जाने के लिए सक्षम होना चाहिए.यह पाया गया है कि जो बच्चे सामान्य रूप में समूह में रहते है उनमे कान के संक्रमण से ग्रस्त पाया गया . यह आवश्यक है कि बच्चे के स्वास्थ्य विकार को नष्ट करने के लिए उचित ध्यान देना चाहिए.अगर आप घर में सकारात्मक वातावरण नहीं दे सकते तो अपने बच्चे को कम उम्र में पूर्वस्कूली में भर्ती करना बेहतर होगा.
पूर्वस्कूली बच्चे में शर्म आम समस्या है. उनको सामाजिक गतिविधियों में भाग लेना या अजनबियों के साथ बातचीत करना पसंद नहीं होता है . बेहतर होगा इस समस्या को आप समय के साथ ठीक कर दे अन्यथा यह आपके बच्चे की सफलता में एक बाधा हो सकती है . अगर माता - पिता बच्चे सही उम्र में शर्म के बारे जागरूक हैं तो वे सही समय पर उचित कार्रवाई कर सकते है. बहुत दुख की बात है. कि माता पिता को अपने बच्चे के शर्मिला स्वभाव का एहसास होने में कई साल लग जाते हैं . बच्चे अपने माता - पिता से बहुत कुछ सीखते है. इसलिए माता - पिता को अपने बच्चों के लिए आदर्श उदाहरण बनना चाहिए. भविष्य में बच्चे इन सामाजिक गतिविधियों के प्रति अपने माता - पिता की प्रतिक्रिया की नकल करते है. जब आप आपके बच्चे पूर्वस्कूली के आसपास हैं तब आपको अधिक सावधान रहना चाहिए.
अजनबी का स्वागत हाय या नमस्ते के साथ करना मत भूले . अजनबियों के साथ प्रभावी संचार करें. इसके अलावा अपने दोस्तों या रिश्तेदारों के साथ अपने पूर्वस्कूली का परिचय दे और उसको विनम्र तरीके से अजनबियों को नमस्कार करने को कहे. जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहे . आपका व्यवहार दूसरों के साथ शांत होना चाहिए. सामाजिक समारोहों में हर समय शामिल होने के लिए मत भूले यह बहुत से अजनबियों की संख्या के साथ और अन्य लोगों के साथ पूर्वस्कूली को मिलाने के लिए सबसे अच्छा समय है. अगर उस को उनको अभी भी शर्म आ रही है, तो आप उस पर और अधिक काम कर सकते हैं.
अगले महत्वपूर्ण कदम के लिए उसे खुद को तैयार करने के लिए कुछ समय दे. समूह चर्चा, कार्यशालाओं और विभिन्न अन्य गतिविधियों में भाग लेने के लिए उसे प्रोत्साहित करें. उसे अजनबियों और अपने दोस्तों के सामने अधिक विश्वास बनाने के लिए सबसे अच्छा तरीका है. अगर उसे कुछ समस्या का सामना करना पड़ रहा है अपने आप ही का समस्या हल करने को कहे , इस तरह, वह अधिक जिम्मेदार और खुद हर सबसे खराब स्थिति का सामना करने के लिए सक्षम हो जाएगा. आपको बच्चे को जीवन में हर खराब स्थिति के लिए को तैयार करना चाहिए.
उसे हर नकारात्मक स्थिति में सकारात्मक सोचने के लिए सिखाओ. उसकी उम्र के हिसाब से उसे छोटी जिम्मेदारियों दीजिए. अलग स्थिति और समस्या के लिए उसके विचार पूछो. इसके अलावा उसको सकारात्मक गुणों और सफलता के लिए उसे प्रोत्साहित करते रहे . इस से उसे पूरा जीवन एक ही ट्रैक पर रखने के लिए उसे मदद मिलेगी. व्यक्तिगत रूप से उसे पूछे के अन्य लोगों के सामने उसे कौन सी बात परेशान करती है तो प्यार से उस समस्या का समाधान करे. .इस प्रतिक्रिया का आपके बच्चे पर सकारात्मक असर होगा. आपको एक अच्छे श्रोता होना चाहिए और धैर्य से अपने बच्चे का हर कारण सुनना चाहिए. कभी कभी स्वस्थ संचार शर्म को नष्ट कर देते है
ज्यादातर बच्चे शिक्षकों से डरते हैं. इस स्थिति में उसको शिक्षक के पास ले जाना होगा और उसे के साथ दोस्ताना तरीके से बातचीत.करनी चाहिए. उसे जह एहसास दिलाना होगा शिक्षक से डरने की कोई बात नहीं . शिक्षक पूर्वस्कूली के लिए माता - पिता की तरह भी हैं. केवल माता पिता अपने बच्चों के साथ स्वस्थ संचार के माध्यम से इस बात का एहसास करा सकते हैं. शिक्षक भी सकारात्मक प्रतिक्रिया और वे हर समस्या के साथ उनके साथ खेलने के लिए उपलब्ध हैं.शिक्षक को भी सकारात्मक प्रतिक्रिया देनी चाहिए. उनको बताना चाहिए कि वे हर समस्या के लिए और उनके साथ खेलने के लिए उपलब्ध हैं
अपने घर पर सामाजिक माहौल बनाये और उसे सामाजिक गतिविधियों और आउटडोर खेलों के लिए उसे तैयार करे . यह माहौल उसे अजनबियों के साथ बातचीत करने का एक मौका देगा. लेख ने निष्कर्ष निकाला है केवल माता - पिता ही शर्म पर काबू पाने में अपने बच्चों को मदद कर सकता है.. अपने बच्चों को बिना सख्ती के काबू करना उनके लिए बहुत बड़ी चुनौती है.